2023, 25 Jun
भारत सरकार ने शनिवार (24 जून) को कोविड से बचाव की दिशा में एक और मजबूत कदम बढ़ाया है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने ओमिक्रॉन वैरिएंट के लिए खास एमआरएनए आधारित बूस्टर वैक्सीन लॉन्च की है। इस वैक्सीन का नाम GEMCOVAC-OM है और यह ओमिक्रॉन के लिए लॉन्च पहली स्वदेशी mRNA वैक्सीन है।
गौरतलब है कि पिछले साल के आखिर में देश में कोरोना के मामले फिर से तेजी से बढ़ने शुरू हुए थे जिसका असर फरवरी-अप्रैल तक काफी अधिक था। देश में उस समय संक्रमण के लिए ओमिक्रॉन और विशेषतौर पर XBB.1.5 वैरिएंट को जिम्मेदार माना जा रहा था। ओमिक्रॉन वैरिएंट्स को लेकर किए गए अध्ययनों में पाया गया कि इसके ज्यादातर सब-वैरिएंट्स पहले से वैक्सीन से बनी प्रतिरक्षा को चकमा देने में कामयाब हो रहे थे। ऐसे में वैक्सीनेशन करा चुके लोगों में भी संक्रमण का खतरा बना हुआ था, इसी वजह से ओमिक्रॉन वैरिएंट्स को लक्षित करने वाले खास टीकों की मांग हो रही थी। GEMCOVAC-OM ऐसी ही वैक्सीन है जो कोरोना के नए वैरिएंट्स को लक्षित करने और रोग से बचाने में सहायक हो सकती है।
एमक्योर की सहायक कंपनी जेनोवा ने SARS-CoV-2 ओमिक्रॉन वैरिएंट के लिए भारत की पहला mRNA बूस्टर वैक्सीन लॉन्च की है। डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी (डीबीटी) और बायोटेक्नोलॉजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंस काउंसिल (बीआईआरएसी) की फंडिंग की मदद से जेनोवा ने स्वदेशी प्लेटफ़ॉर्म तकनीक का उपयोग करके कोविड बूस्टर वैक्सीन विकसित की है। इसकी कीमत 2,292 रुपये प्रति खुराक है। वैक्सीन जल्द ही निजी अस्पतालों में उपलब्ध होगी। Gemcovac-OM को कुछ दिन पहले ड्रग कंट्रोल जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी मिली थी। इस टीके को दो बातें खास बनाती हैं।
पहला- आसान है रखरखाव
जेम्कोवैक-ओएम वैक्सीन कई मामलों में पिछले टीकों से अलग और खास है। अन्य टीकों को रखने के लिए जहां खास तापमान की आवश्यकता होती है, जिसके कारण उसका रखरखाव कठिन था वहीं इस टीके को कोल्ड स्टोरेज की आवश्यकता नहीं है और इसे दूरदराज के इलाकों में आसानी से सीमित संसाधनों में भी ले जाया जा सकेगा।
कौन लगवा सकता है ये टीके?
जेनोवा के अनुसार, इस वैक्सीन का उपयोग 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के उन लोगों के लिए किया जा सकेगा जिन्हें पहले कोविड के दो टीके मिल चुके हैं। इस वैक्सीन का बूस्टर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। कोवाक्सिन या कोविशील्ड के साथ प्राथमिक टीकाकरण पूरा होने के कम से कम 4 महीने बाद जेमकोवैक-ओएम को सिंगल डोज ली जा सकती है।
दूसरा- निडिल फ्री होगा टीकाकरण
इस वैक्सीन को खास बनाती है इसकी निडिल फ्री तकनीक। यानी अन्य टीकों की तरह इस वैक्सीन शॉट के लिए निडिल वाले इंजेक्शन की आवश्यकता नहीं है। ऐसे में वैक्सीनेशन के कारण होने वाले दर्द और जिन लोगों को निडिल फोबिया है, इन दोनों को इससे लाभ मिल सकेगा।
कितनी असरदार है ये वैक्सीन?
कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर कहा है कि 18 साल से कम उम्र के बच्चों-किशोरों और गर्भवती-स्तनपान कराने वाली माताओं में जेमकोवैक-ओएम की सुरक्षा और प्रभावकारिता स्थापित नहीं की गई है। जिन लोगों को तेज-गंभीर बुखार की समस्या हो ऐसे लोगों को ये वैक्सीन नहीं दी जानी चाहिए। बाकी स्वस्थ लोगों में ये असरदार हो सकती है और कोरोना के नए वैरिएंट्स से सुरक्षा देने और गंभीर रोगों के जोखिमों से बचाने में कारगर है।
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