Thursday, Jan 09, 2025

शिवपुरी ड्रग्स मामले में मेहता दंपती के मुंबई के बैंक खाते सीज

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Updated on 2023, 06 Jul

- सत्ता के गलियारों में ड्रग सिंडिकेट की गहरी पैठ से ईमानदार अधिकारी सदमे में
ग्वालियर। मध्यप्रदेश में ईमानदार पुलिस अधिकारी खुद को खतरे में महसूस कर रहे हैं। क्योंकि राज्य के भीतर सक्रिय ड्रग कार्टेल की जांच और पर्दाफाश की परिणति उस जांच अधिकारी (आईओ) को अचानक हटाने के रूप में हुई, जिसने हाल ही में एक ड्रग तस्कर को पकड़ा था।
मादक पदार्थों की तस्करी के एक संवेदनशील मामले से आईओ धनेंद्र भदोरिया को हटाने से राज्य सरकार की हर तरफ से कड़ी आलोचना हो रही है। पेडलर ने ड्रग कार्टेल के मास्टरमाइंड और प्राथमिक संचालकों के रूप में मुंबई के एक प्रभावशाली व्यापारिक जोड़े-आशीष मेहता और शिवांगी मेहता की संलिप्तता का खुलासा किया था। मध्यप्रदेश के सत्ता गलियारों में इस कार्टेल की गहरी पैठ ने ईमानदार और समर्पित अधिकारियों को सदमे में डाल दिया है, जिससे चिंता बढ़ गई है कि सिंडिकेट को सरकार के भीतर उच्च अधिकारियों से संरक्षण प्राप्त हो सकता है।
राज्य सरकार के दृष्टिकोण पर अपना असंतोष व्यक्त करते हुए, एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा हम इस मामले में आईओ की तत्काल बहाली की मांग करते हैं। हाल की घटनाएं, जिसमें ड्रग डीलरों की सुरक्षा और शिवराज चौहान द्वारा एक जांच अधिकारी को हटाना शामिल है। भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार स्पष्ट रूप से अपनी गलत प्राथमिकताओं का संकेत देती है। वास्तविक दोषियों पर नकेल कसने के बजाय, ऐसा प्रतीत होता है कि उच्च अधिकारी अपराधियों को बचाने में अधिक रुचि रखते हैं।
शिवपुरी के एक स्थानीय पुलिस स्टेशन में एक कूरियर आदमी नसीर खान की गिरफ्तारी के बाद एक ज्ञापन के आधार पर जांच शुरू की गई थी। खान ने मेहता दम्पति द्वारा की जा रही अवैध गतिविधियों पर प्रकाश डाला। आईओ धनेंद्र भदोरिया द्वारा की गई आगे की जांच से पता चला कि दंपति, आशीष मेहता और शुभांगी मेहता ने पार्सल सेवाओं के माध्यम से ग्राहकों के एक चुनिंदा समूह को दवाओं की आपूर्ति करते हुए एक वैध व्यवसाय की आड़ में अपने गैरकानूनी संचालन को छुपाया। दंपति के खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज की गई। हालाँकि, जांच के के दौरान, जांच अधिकारी को अचानक हटा दिया गया, जिससे आरोपी अभी भी बड़े पैमाने पर और कानून प्रवर्तन एजेंसियों की पहुंच से बाहर हो गए। अब तक जांच अधूरी है।
राज्य भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी ने भी स्थिति पर दुख जताया और कहा भाजपा सरकार भ्रष्टाचार और अवैध व्यावसायिक गतिविधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस के लिए जानी जाती है। एक संवेदनशील ड्रग मामले को संभालने वाले एक ईमानदार अधिकारी को हटाने से चुनावी वर्ष में हमारी विश्वसनीयता और बड़े-बड़े दावों पर असर पड़ सकता है। हम अपनी सरकार द्वारा भी इस तरह की ज्यादती को बर्दाश्त नहीं करेंगे और सरकार से मामले पर उसी अधिकारी को तुरंत नियुक्त करने का आग्रह करते हैं।
इस हाई-प्रोफाइल ड्रग मामले पर कार्रवाई शुरू करने के बजाय, जिसके कारण आशीष मेहता और शिवांगी मेहता की जल्द ही गिरफ्तारी हो सकती थी, सरकार के भीतर एक शक्तिशाली समूह सक्रिय रूप से उनकी रक्षा कर रहा है।
स्थिति पर अफसोस जताते हुए भोपाल के सामाजिक कार्यकर्ता नागेंद्र मिश्रा ने कहा सरकार द्वारा दवा विक्रेताओं को संरक्षण देना निराशाजनक है, जबकि उन्हें बेनकाब करने का साहस करने वाले ईमानदार अधिकारियों को दंडित किया जा रहा है। यह स्थिति प्रणालीगत सुधार की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डालती है। हम इस मुद्दे के समाधान के लिए एक राज्यव्यापी अभियान शुरू करने की योजना बना रहे हैं। इस मामले का आश्चर्यजनक पहलू सत्ता के गलियारों में ड्रग सिंडिकेट की कथित पैठ है, जिसमें प्रभावशाली व्यक्तियों की संलिप्तता से ईमानदार अधिकारी हैरान हैं।

ड्रग्स मामल में मेहता दंपती के मुंबई के बैंक खाते सीज
 खनियाधाना थाना क्षेत्र में पकड़े गए 142 ग्राम मेफेड्रोन ड्रग में आरोपी बने मुंबई के कारोबारी मेहता दंपती के बैंक खातों को पुलिस ने सीज कर दिया है। जांच में सामने आया है कि खाते पर होल्ड लगाने के पहले ही मेहता दंपती ने करोड़ों रुपये कुछ अन्य खातों में ट्रांसफर कर दिए हैं। अभी भी उनके खाते में करीब 174 करोड़ रुपये हैं इस मामले की जांच भी अब खनियाधाना से शिवपुरी आ गई है और शिवपुरी एसडीओपी अजय भार्गव विवेचना कर रहे हैं।
9 जून को खनियाधाना में निरीक्षक धनेंद्र सिंह भदौरिया ने निसार जुबेर खान को 142 ग्राम एमडी ड्रग के साथ गिरफ्तार किया था। आरोपी ने पूछताछ में अशीष मेहता के लिए ड्रग सप्लाई करने की बात कही थी। इसके बाद पुलिस ने मुंबई जाकर दबिश दी, लेकिन अशीष मेहता अपनी पत्नी शिवांगी के साथ फरार हो गया। पुलिस सूत्रों की मानें तो बैंक खातों की तलाशी लेने पर उसमें 400 करोड़ रुपये से अधिक थे, जिसमें से अधिकांश राशि को उसने अन्य खातों में ट्रांसफर कर दिया था। उसके खाते में 174 करोड़ रुपये ही शेष बचे थे जिस पर पुलिस ने होल्ड लगवाया।
पुलिस अधिकारी खातों को होल्ड कर उसे पेश होने के लिए दबाव बना रहे हैं। मामले की जांच कर रहे एसडीओपी अजय भार्गव ने बताया कि उन्हें तीन दिन पहले ही केस की डायरी मिली है। एसडीओपी ने आरोपी निसार से जब्त मोबाइल और मेहता दंपत्ती के मोबाइल नंबरों की काल डिटेल निकलवाने के लिए पत्र लिखा है। अजय भार्गव ने बताया कि अभी रुपयों और खातों की जानकारी संज्ञान में नहीं आई है। केस डायरी मिले ज्यादा समय नहीं हुआ है, जल्द ही इस मामले में प्रगति दिखाई देगी। हम सबूत एकत्रित कर रहे हैं।

शिवपुरी आकर चला गया आरोपित, नहीं लगी भनक!
सूत्रों की मानें तो जब खनियाधाना पुलिस की टीम ने अशीष मेहता को मुंबई जाकर पेश होने का समन दिया था तो वह उसके बाद शिवपुरी आया था। हालांकि इस दौरान वह पुलिस की नजर से बचा रहा और अग्रिम जमानत के लिए आवेदन कर लौट गया था। कोर्ट ने उसकी अग्रिम जमानत की याचिका को खारिज कर दिया था। बताया जा रहा है कि मेहता दंपत्ती के वकील अब हाईकोर्ट का रुख कर रहे हैं।
 





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